एक बहुत ही मशहूर गाना है" ज़िन्दगी एक सफर है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना"। बहुत खूब लिखा है जिसने भी लिखा। शायद उसने अपनी ज़िन्दगी मैं कुछ ऐसा महसूस किया होगा जिससे उसे ख़ुशी मिल रही हो। लेकिन हर किसी की ज़िन्दगी एक जैसी नहीं होती। बिलकुल भी नहीं होती। नजाने कितने ही लोग अपनी अपनी ज़िन्दगियों मैं क्या क्या फेस कर रहे हो। जरुरी नहीं सबको ज़िन्दगी खुशियां ही दे , किन्ही किन्ही लोगो को खुशियों से ज़यादा बुरा वक़्त भी देती है ज़िन्दगी। ज़िन्दगी का सच मैं कोई भरोसा नहीं है कल क्या हो किसी को नहीं पता , कोई नहीं जनता की क्या होने वाला है इंसान के साथ आने वाले समय मै। हम अक्सर सोचते है की काश ज़िन्दगी हमारे हिसाब से चलती तो कितना अच्छा होता , काश जैसा मै चाहता वैसा ही हो। लेकिन ऐसा न तो कभी हुआ है न ही कभी होगा। जो चीज़ हमारे हाथ मैं ही नहीं है उसपे अपना वक़्त जाया करना बेवकूफी के सिवाय कुछ नहीं है। ज़िन्दगी बहुत छोटी है या तो इसे ये सोचने मैं गुज़ार दे की कैसे बितानी है या फिर उस ज़िन्दगी का हर एक पल हस कर मुस्कुराते हुए गुज़ार दे। चॉइस हमारी है। इस पूरी दुनियां मैं बहुत सारे लोग है.. हर किसी को समझना हमारे बस मैं नहीं है। बस इतना कर सकते है की उस सामने वाले की भावनाओ को समझ सके उसकी बातों को समझ सके , ये समझ सके की वो कहना क्या चाहता है। ....
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ज़िन्दगी के कुछ पल हस के गुज़ार दे यारा ,
क्या पता कल का दिन आये न आये फिर दोबारा।
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... समझना आखिर मैं हमे ही है क्योकि आख़िरकार इस दुनियां मैं दो तरह के जीव है एक हम इंसान , जो जोचाहे बोल सकते हैं , जो चाहे कर सकते हैं , कही भी आ-जा सकते हैं , और दूसरे है जानवर जो हमारी ही तरह कही आ-जा सकते तो हैं , लेकिन कुछ बोल नहीं सकते , अपनी मजबूरी नहीं बयां कर सकते। ..
अगर हम किसी की बातों को समझ नहीं है सकते तो उनसे बेहेस नहीं करनी चाहिए। बेवजह उन्हें उकसाना नहीं चाहिए की , वो कुछ ऐसा कह दे जो फिर बर्दाश्त न हो। हम लड़ाई भी उन्ही से करते है जिनसे हम प्यार करते है।, अक्सर हम प्यार ही प्यार मैं कुछ ऐसी बातें बोल जाते है जिन्हे कहने के बाद हमने अफ़सोस होता हैं लेकिन तब उस बात को याद करने का कोई फायदा नहीं होता। गलतियां सभी से होती है आखिर हम इंसान है , गलतियां करके ही सीखते है, लेकिन अगर समाये रहते उन् गलतियों को सुधर लिया जाये तो सब ठीक हो सकता है। .. मत-भेद कब और कहा नहीं होता ठन्डे दिमाग से लिए गए फैसले ही सही होते हैं। गरमा दिमाग और गरम मिज़ाज़ सिर्फ और सिर्फ दूरियां ही बढ़ाते है। .. ..
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पल पल है कीमती इस ज़िन्दगी का ,
हर लम्हा है कीमती इस ज़िन्दगी का।
कदर कर इस ज़िन्दगी की ओ फकीरा ,
जाने न जाने ऐसा मौका आये न आये फिर दोबारा।
ज़िन्दगी है छोटी ,समेट ले इसे आपने पास
बुझा ले अपनी ज़िन्दगी की हर वो छोटी से छोटी प्यास।
मौकापरस्त हो जा हर उस लम्हे, हर ख़ुशी को कैद करने के लिए
जिससे पाने को तूने हर ज़ोर हर दम हैं लगाया।
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ज़िन्दगी के कुछ पल हस के गुज़ार दे यारा ,
क्या पता कल का दिन आये न आये फिर दोबारा।
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... समझना आखिर मैं हमे ही है क्योकि आख़िरकार इस दुनियां मैं दो तरह के जीव है एक हम इंसान , जो जोचाहे बोल सकते हैं , जो चाहे कर सकते हैं , कही भी आ-जा सकते हैं , और दूसरे है जानवर जो हमारी ही तरह कही आ-जा सकते तो हैं , लेकिन कुछ बोल नहीं सकते , अपनी मजबूरी नहीं बयां कर सकते। ..
अगर हम किसी की बातों को समझ नहीं है सकते तो उनसे बेहेस नहीं करनी चाहिए। बेवजह उन्हें उकसाना नहीं चाहिए की , वो कुछ ऐसा कह दे जो फिर बर्दाश्त न हो। हम लड़ाई भी उन्ही से करते है जिनसे हम प्यार करते है।, अक्सर हम प्यार ही प्यार मैं कुछ ऐसी बातें बोल जाते है जिन्हे कहने के बाद हमने अफ़सोस होता हैं लेकिन तब उस बात को याद करने का कोई फायदा नहीं होता। गलतियां सभी से होती है आखिर हम इंसान है , गलतियां करके ही सीखते है, लेकिन अगर समाये रहते उन् गलतियों को सुधर लिया जाये तो सब ठीक हो सकता है। .. मत-भेद कब और कहा नहीं होता ठन्डे दिमाग से लिए गए फैसले ही सही होते हैं। गरमा दिमाग और गरम मिज़ाज़ सिर्फ और सिर्फ दूरियां ही बढ़ाते है। .. ..
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पल पल है कीमती इस ज़िन्दगी का ,
हर लम्हा है कीमती इस ज़िन्दगी का।
कदर कर इस ज़िन्दगी की ओ फकीरा ,
जाने न जाने ऐसा मौका आये न आये फिर दोबारा।
ज़िन्दगी है छोटी ,समेट ले इसे आपने पास
बुझा ले अपनी ज़िन्दगी की हर वो छोटी से छोटी प्यास।
मौकापरस्त हो जा हर उस लम्हे, हर ख़ुशी को कैद करने के लिए
जिससे पाने को तूने हर ज़ोर हर दम हैं लगाया।
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